Monday 2 July 2018

Important General Knowledge About Rajasthan.

Important  General  Knowledge About Rajasthan.

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♣♣ राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय स्थल ♣♣

1. हवामहल ===> जयपुर

2. जंतर मंतर ===> जयपुर

3. गलता जी ===> जयपुर

4. जसवंत थड़ा ===> जोधपुर

5. पटवों की हवेली ===> जैसलमेर

6. सालिम सिंह की हवेली ===> जैसलमेर

7. रामगढ़ की हवेलियां ===> जैसलमेर

8. नथमल की हवेली ===> जैसलमेर

9. चौरासी खंभों की छतरी ===> बूँदी

10. रानी जी की बावड़ी ===> बूँदी

12. क्षार बाग की छतरियाँ ===> बूँदी

13. स्वर्ण या सुनहरी कोठी ===> टौंक

14. विजय स्तम्भ ===> चित्तौड़

15. कीर्ति स्तम्भ ===> चित्तौड़

16. सूर्य मंदिर ===> झालावाड़

17. ढाई दिन का झोंपड़ा ===> अजमेर

18. जल महल ===> जयपुर, डीग व उदयपुर

19. अरथूना के प्राचीन मंदिर ===> बाँसवाड़ा

20. भांडासर जैन मंदिर ===> बीकानेर

21. गैप सागर ===> डूंगरपुर

22. बिड़ला तारामंडल ===> जयपुर

23. कोलवी की गुफाएँ ===> झालावाड़

24. उम्मेद भवन ===> जोधपुर

25. मंडोर ===> जोधपुर

26. भंड देवरा मंदिर ===> कोटा

27. सज्जनगढ़ ===> उदयपुर

28. आहड़ संग्रहालय ===> उदयपुर

29. हर्ष मंदिर ===> सीकर

30. द्वारकाधीश मंदिर ===> कांकरोली राजसमंद

31. आभानेरी मंदिर ===> दौसा

32. सच्चिया माता मंदिर ===> ओसियां जोधपुर

33. रानी पद्मनी महल ===> चित्तौड़गढ़

34. सहेलियों की बाड़ी ===> उदयपुर

35. कुंभलगढ़ ===> केलवाड़ा राजसमंद

36. ब्रह्मा मंदिर ===> पुष्कर

37. देव सोमनाथ मंदिर ===> डूंगरपुर

38. फखरुद्दीन की दरगाह ===> गलियाकोट, डूंगरपुर

39. आमेर किला ===> आमेर, जयपुर

40. रणकपुर जैन मंदिर ===> सादड़ी, पाली

41. सांवलिया जी मंदिर ===> मंडफिया, चित्तौड़गढ़

42. सास===> बहू के प्राचीन मंदिर ( प्राचीन नागदा राज्य के मंदिर) ===> कैलाशपुरी, उदयपुर

43. जगत के प्राचीन मंदिर ===> जगत गाँव उदयपुर

44. श्रीनाथजी मंदिर ===> नाथद्वारा, राजसमंद

45. मीरा बाई का मंदिर ===> मेड़तासिटी, नागौर

46. बाबा रामदेव मंदिर ===> पोकरण के पास रामदेवरा, जैसलमेर

47. नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर ===> बालोत्तरा के पास, जिला बाड़मेर

48. दिलवाड़ा जैन मंदिर ===> माउंट आबू

49. सालासर बालाजी ===> सालासर, चुरू

50. खाटू श्यामजी ===> खाटू गाँव सीकर

51. सोनीजी की नसियाँ ===> अजमेर

52. सरगासूली (ईसर लाट) ===> जयपुर

53. नाहरगढ़ ===> जयपुर

54. दौलत बाग ===> अजमेर

55. अकबर का किला ===> अजमेर

56. दरगाह शरीफ् ===> अजमेर

57. नक्की झील ===> माउंट आबू

58. दिलवाड़ा जैन मंदिर ===> माउंट आबू

59. कोलवी की गुफाएँ ===> झालावाड़

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♣♣ राजस्थान के प्रमुख किले एवं उनके निर्माणकर्ता ♣♣


1. बयाना का किला या बिजयगढ़ या विजयगढ़ ===> जादौन राजा बिजयसिंह

2. जोधपुर का किला या मेहरानगढ़ ===> राव जोधा ,1459 में

3. अचलगढ़ का किला माउंट आबू ===> राणा कुंभा

4. भरतपुर का किला लोहागढ़ ===> जाट राजा सूरजमल,1733 में

5. कुंभलगढ़ का किला ===> राणा कुंभा,राजसमन्द

6. मांडलगढ़ का किला===> चौहान शासक

7. नाहरगढ़ या सुदर्शनगढ़ [ जयपुर ] का किला ===> सवाई जयसिंह

8. जैसलमेर का किला या सोनार का किला ===> महारावल जैसलदेव

9. चित्तौड़गढ़ का किला ===> चित्रांगद मौर्य

10. सिवाना का किला जिला बाड़मेर ===> पँवार राजा वीर नारायण प्रथम

11. तारागढ़ का किला या गढ़बीठली या अजयमेरु दुर्ग अजमेर ===> अजयपाल सिंह चौहान

12. बीकानेर का किला या जूनागढ़ ===> राजा रायसिंह राठौड़

13. गागरोण का किला ( झालावाड़ ) ===> डोड राजा बीजलदेव,12 वीं सदी

14. डीग का किला ===> राजा सूरजमल

15. कोटा का किला ===> माधोसिंह

16. तारागढ़ बूँदी का किला ===> हाड़ा राजा बरसिंह,14 वीं सदी में

17. जयगढ़ का किला( आमेर ) ===> राजा सवाई जयसिंह द्वितीय

18. अकबर का किला या मैग्जीन या दौलतखाना अजमेर ===> अकबर

19. आमेर का किला ===> कछवाहा राजा धोलाराय

20. नागौर का किला ===> पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर

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♣♣ राजस्थान के प्रमुख नगर एवं उनके संस्थापक ♣♣


1. अजमेर ===> श्री अजयपाल

2. अलवर ===> राव प्रतापसिंह जी

3. भरतपुर ===> राजा सूरजमल जी

4. बीकानेर ===> राव बीका जी

5. चित्तौड़ ===> चित्रांगद मौर्य

6. करौली ===> अर्जुनपाल

7. गंगानगर ===> श्री गंगासिंह

8. जहाजपुर ===> राजा जनमेजय

9. जोधपुर ===> राव जोधा

10. जयपुर ===> सवाई जयसिंह

11. जैसलमेर===> भाटी जैसल

12. खिज्राबाद {चित्तौड़} ===> खिज्र खां

13. किशनगढ़ ===> किशनसिंह राठौड़

14. प्रतापगढ़ ===> महारावल प्रतापसिंह जी

15. रतनगढ़ ===> महाराजा रतनसिंह

16. सूरतगढ़ ===> महाराजा सूरतसिंह जी

17. सरदारशहर===> महाराजा सरदारसिंह

18. सुजानगढ़ ===> महाराजा सुजानसिंह

19. उम्मेदनगर ===> श्री उम्मेदसिंह

20. उदयपुर ===> महाराणा उदयसिंह

21. डूंगरपुर ===> महारावल डूंगरसिंह

22. सवाई माधोपुर ===> सवाई माधोसिंह प्रथम

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♣♣ राजस्थान के प्रमुख महल एवं उनके संस्थापक ♣♣


1. हवामहल ===> जयपुर ===> सवाई प्रताप सिंह (1798 )

2. शीशमहल ===> आमेर ===> मानसिंह

3. नारायण निवास ===> जयपुर ===> नारायणसिंह

4. मुबारक महल ===> जयपुर ===> महाराजा जोधसिंह

5. राम बाग पैलेस ===> जयपुर ===> महाराजा रामसिंह

6. मोती डूंगरी महल ===> जयपुर ===> मोती सिंह जी

7. सिसोदिया रानी का बाग महल ===> जयपुर

8. दीवान ===> ए ===> आम ===> जयपुर

9. दीवान ===> ए ===> खास ===> जयपुर

10. सिटी पैलेस (चन्द्रमहल) ===> जयपुर ===> सवाई जयसिंह

11. जगमन्दिर महल ===> उदयपुर

12. जगनिवास महल ===> उदयपुर

13. खुशमहल ===> उदयपुर ===> राणा सज्जनसिंह

14. जूना महल ===> डूँगरपुर

15. फूल महल ===> उदयपुर ===> राणा अभयसिंह

16. राणा कुम्भा महल ===> चित्तौड़गढ़

17. विनय विलास पैलेस ===> अलवर

18. सरिस्का पैलेस ===> सरिस्का (अलवर)

19. सिटी पैलेस ===> अलवर

20. विजय मन्दिर पैलेस ===> अलवर

21. खेतडी महल ===> खेतडी

22. लालगढ़ महल ===> बीकानेर

23. अनूप महल ===> बीकानेर ===> महाराजा अनूप सिंह

24. बादल महल ===> जैसलमेर

25. जवाहर महल ===> जैसलमेर

26. उम्मेद भवन पैलेस ===> जोधपुर शेरशाह सूरी

27. तुलाती महल ===> जोधपुर

28. गोपाल भवन महल (डींग महल) ===> डींग (भरतपुर)

29. छत्रमहल ===> बूँदी

30. सूरज महल ===> भरतपुर

31. मान महल ===> पुष्कर अजमेर

32. सुजान महल ===> तारागढ़ अजमेर

33. गोल महल ===> उदयपुर

34. एक थम्बिया महल ===> डूँगरपुर

35. बीजोलोई महल ===> कायलाना पहाड़ी जोधपुर

36. काठकारैन बसेरा महल ===> झालावाड़

37. खातर महल ===> चित्तौड़गढ़

38. झालीरानी का महल ===> कटारगढ़ (राजसमन्द)

39. पुष्पक महल ===> रणथम्भौर (सवाई माधोपुर)

40. सुख महल ===> बूंदी

41. चैखले महल ===> जोधपुर

42. शीलादेवी महल ===> अलवर

43. गुलाब महल ===> जेलसिंह के काल कोटा दुर्ग में

43. जगमहल ===> उदयपुर

44. बुलानी महल ===> जोधपुर

45. पद्मिनी महल ===> चितौड़गढ़

46. अम्माला मीनी महल ===> कोटा

47. अजीत महल ===> जोधपुर

48. रंग महल ===> बीकानेर

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♣♣ राजस्थान के ऐतिहासिक दुर्ग ♣♣


1. माण्डलगढ़ दुर्ग ===> यह मेवाड़ का प्रमुख गिरी दुर्ग है। जो कि भीलवाड़ा के माण्डलगढ़ कस्बे में बनास, मेनाल नदियों के संगम पर स्थित है। इसकी आकृति कटारे जैसी है।

2. शेरगढ़ का दुर्ग (कोषवर्धन) ===> यह बारां जिले में परमन नदी पर स्थित है। राजकोष में निरन्तर वृद्धि करने के कारण इसका नाम कोषवर्द्धन पड़ा। यहाँ पर खींची चैहान शासक, डोर परमा नागवंशीय क्षेत्रीय शासकों, कोटा के हाडा शासक आदि का शासन रहा। शेरशाह सूरी ने इसका नाम परिवर्तित करके शेरगढ़ रखा। महारावल उम्मेद सिंह के दीवान जालिम सिंह झाला ने जीर्णोंदार कर अनेक महल बनवाये जो झालाआं की हवेली के नाम से प्रसिद्ध है।

3. कुचामन का किला ===> नागौर जिले की नावां तहसील के कुचामन में स्थित है। यह जोधपुर शासक मेण्डलीया शासकों का प्रमुख ठिकाना था। मेडतिया शासक जालीम सिंह ने वनखण्डी महात्मा के आशीष से इस किले की नीवं रखी। इस किले में सोने के बारीक काम के लिए सुनहरी बुर्ज प्रसिद्ध है तथा यहाँ पर स्थित हवामहल राजपूती स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। इसे जागीरी किलों का सिरमौर कहा जाता है।

4. अचलगढ़ का किला ===> सिरोही जिले के माउण्ट आबू में इसका निर्माण परमार शासकों ने करवाया था। तथा पुर्नउद्धार 1542 ई. में महाराणा कुम्भा द्वारा करवाया गया। इस किले के पास ही माण्डू शासक द्वारा बनवाया गया पाश्र्वनाथ जैन मंदिर स्थित है।

5. अकबर का किला ===> यह अजमेर नगर के मध्य में स्थित है जिसे मेगस्थनीज का किला तथा अकबर का दौलतखाना भी कहते है। यह पूर्णतया मुस्लिम दुर्ग निर्माण पद्धति से बनाया गया है। सर टोमसरा ने जहांगीर को यहीं पर अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया था।

6. नागौर का किला ===> प्राचीन शिलालेखों में इसे नाग दुर्ग व अहिछत्रपुर भी कहा गया है। यह धान्वन दुर्ग की श्रेणी में आम है। ख्यातों के अनुसार चैहान शासक सोमेश्वर के सामन्त के मास ने इसी स्थान पर भेड़ को भेडि़ये से लड़ते देखा गया था। नागौर किले में प्रसिद्धि शौर्य व स्वाभिमान के प्रतीक अमर सिंह राठौड़ से है। यह दुर्ग सिंह से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर स्थित है। महाराजा बख्तर सिंह ने इस दुर्ग का जीर्णांेदार करवाया था। इस दुर्ग में हाडी रानी का मोती महल, अमर सिंह का बादल महल व आभा महल तथा अकबर का शीश महल है।

7. बीकानेर का दुर्ग (जूनागढ़) ===> यह धान्वन श्रेणी का दुर्ग है इसका निर्माण महाराजा बीका सिंह द्वारा करवाया गया था। यह राती घाटी में स्थित होने के कारण राती घाटी का किला भी कहा जाता है। वर्तमान किले का निर्माण महाराज राय सिंह द्वारा करवाया गया। यहाँ पर 1566 ई. के साके के बीर शहीद जयमल तथा पत्ता की गजारूढ़ मुर्तियां थी जिनका वर्णन फ्रांसिसी यात्री बरनियर ने अपने ग्रन्थ में किया था। किन्तु औरंगजेब ने इन्हें हटवा दिया था। इसमें स्थित महल अनूपगढ़, लालगढ़, गंगा निवास, रंगमहल, चन्द्रमहल रायसिंह का चैबारा, हरमंदिर आदि है। यहाँ पर महाराजा डूंगरसिंह द्वारा भव्य व ऊँचा घण्टाघर भी बनवाया गया था।

8. भैंसरोदुगढ़ दुर्ग ===> चित्तौड़गढ़ जिले के भैसरोडगढ़ स्थान पर स्थित है। कर्नल टाॅड के अनुसार इसका निर्माण विक्रम शताब्दी द्वितीय में भैसा शाह नामक व्यापारी तथा रोठा नामक बंजारे में लुटेरों से रक्षा के लिए बनवाया था। यह जल दुर्ग की श्रेणी में आता है जो कि चम्बल व वामनी नदियों के संगम पर स्थित है। इसे राजस्थान का वेल्लोर भी कहा जाता है।

9. दौसा दुर्ग ===> यह कछवाहा शासकों की प्रथम राजधानी थी। आकृति सूप के (छाछले) के समान है तथा देवागिरी पहाड़ी पर स्थित है। कारलाइन ने इसे राजपूताना के प्राचीन दुर्गों में से एक माना है। इसका निर्माण गुर्जर प्रतिहारों बड़गूर्जरों द्वारा करवाया गया था। यहाँ स्थित प्रसिद्ध स्थल हाथीपोल, मोरीपोल, राजा जी का कुंश, नीलकण्ठ महादेव बैजनाथ महादेव, चैदह राजाओं की साल, सूरजमल पृतेश्वर (भौमिया जी का मंदिर) स्थित है।

10. भटनेर दुर्ग (हनुमानगढ़) ===> घग्घर नदी के तट पर स्थित है तथा उत्तरी सीमा का प्रहरी भी कहा जाता है। दिल्ली मुल्तान पर होने के कारण इसका सामरिक महत्व भी अधिक था। यह धान्वन दुर्ग की श्रेणी में आता है। इसका निर्माण कृष्ण के 9वे वंश के भाटी राजा भूपत ने करवाया था। 1001 ई. में महमूद गजनी ने इस पर अपना अधिकार किया था। 1398 ई. में रावदूत चन्द्र के समय तैमूर ने इस पर आक्रमण किया था। 1805 ई. में बीकानेर के शासक सूरजसिंह ने मगंलवार को जापता खाँ भाटी पर आक्रमण कर इसे जीता इसलिए इसका नाम हनुमानगढ़ रखा। भतीजे शेरखान की क्रब इस किले में स्थित है। यहाँ पानी संग्रहण के लिए कुण्डों का निर्माण करवाया गया था।

11. अलवर का दुर्ग ===> यह बाला दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। निर्माण 1106 ई. में आमेर नरेश काकिल देव के कनिष्ठ पुत्र रघुराय ने करवाया था। वर्तमान में यह रावण देहरा के नाम से जाना जाता है। भरतपुर के राजा सूरजमल ने यहाँ सूरजकुण्ड तथा शेरशाह के उत्तराधिकारी सलीम शाह ने सलीम सागर तथा प्रतापसिंह ने सीताराम जी का मन्दिर बनवाया। इस दुर्ग मंे स्थित अन्धेरी दरवाजा प्रसिद्ध है।

12. बयाना का किला (विजयमन्दिर गढ़) ===> उपनाम शोतिणपुर का किला तथा बादशाह किला। यह भरतपुर जिले के दक्षिण मंे है तथा इसका निर्माण मथुरा के यादव राजा विजयपाल ने 1040 ई. लगभग करवाया। विजयपाल के ज्येष्ठ पुत्र त्रिभुवन पाल ने इसके पाल ही तवनगढ़ किले का निर्माण करवाया। मध्यकाल में यह क्षेत्र नील उत्पादन के लिए अत्यन्त प्रसिद्ध था। इस दुर्ग में लाल पत्थरों से बनी भीमलाट रानी चित्रलेखा द्वारा निर्मित उषा मन्दिर, अकबरी छतरी, लोदी मीनार, जहांगिरी दरवाजा आदि स्थित है।

13. माधोराजपुरा का किला ===> यह जयपुर जिले में फागी के पास स्थित है। इसका निर्माण सवाई माधव सिंह प्रथम द्वारा मराठों पर विजय के उपरान्त करवाया गया। माधोराजपुरा कस्बे को नवां शहर भी कहा जाता है।

14. गागरोन दुर्ग ===> यह झालावाड़ जिले में मुकुन्दपुरा पहाड़ी पर काली सिन्ध व आह नदियों के संगम पर स्थित है। यह जल दुर्ग की श्रेणी में आता है। यह खींची चैहान शासकों की शोर्य गाथाओं का साक्ष्य है। यहाँ पर ढोढ राजपूतों का शासन रहने के कारण ढोढगढ़ व धूलरगढ़ भी कहा जाता है। महाराजा जैतसिंह के शासन में हमीममुद्दीन चिश्ती यहाँ आये जो मिठै साहब के नाम से प्रसिद्ध थे। इसलिए यहाँ मिठ्ठे साहब की दरगाह भी स्थित है। गागरोन के शासक सन्त वीजा भी हुए। जो कि फिरोज शाह तुगलक के समकालीन थे। अचलदास खींची की वचानिका से ज्ञात होता है कि गागरोन दुर्ग का प्रथम साका अचलदास के शासन काल में 1430 ई. में हुआ था। दूसरा साका महमूद खिलजी के समय अचलदास के पुत्र पाल्हणसिंह के काल में 1444 ई. में हुआ । खिलजी के विजय के उपरान्त इसका नाम मुस्तफाबाद रख दिया। इस दुर्ग में औरंगजेब द्वारा निर्मित बुलन्द दरवाजा, शत्रुओं पर पत्थर की वर्षा करने वाला, विशाल क्षेत्र होकूली कालीसिंध नदी के किनारे पहाड़ी पर राजनैतिक बंदी को मृत्युदण्ड देने के लिए पहाड़ी से गिराया जाने वाला स्थान गिदकराई स्थित है। यहाँ पर मनुष्य की नकल करने वाले राय तोते प्रसिद्ध है। कालीसिंध व आहू नदियों का संगम सांभल जी कहलाता है।

15. जालौर का किला ===> जालौर नगर के सूकड़ी नदी के किनारे स्थित गिरी दुर्ग है। इसे प्राचीन काल जाबालीपुर तथा जालुद्दर नाम से जाना जाता था। डाॅ. दशरथ शर्मा के अनुसार इसके निर्माणकर्ता प्रतिहार वंश के नागभट्ट प्रथम ने अरब आक्रमणों को रोकने के लिए करवाया था। गौरीशंकर ओजा इसका निर्माण कर्ता परमार शासकों को मानते हैं। कीर्तिपाल चैहानों की जालौर शाखा का संस्थापक था। जालौर किले के पास सोनलगढ़ पर्वत होने के कारण यहाँ के चैहान सोनगिरी चैहान कहलाये। इस किले में मशहूर सन्त पीर मलिक शाह की दरगाह स्थित है। सोनगिरी चैहान शासक कानहडदे के समय अलाउद्दीन के आक्रमण के समय जालौर का प्रसिद्ध साका हुआ था।

16. सिवाना दुर्ग ===> यह बाड़मेर में स्थित इस दुर्ग का निर्माण वीरनारायण पंवार जी की राजा भोज का पुत्र था, ने करवाया। 1305 ई. में इस दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया तब इस दुर्ग का सांतलदेव शासक था। अलाउद्दीन ने विजय उपरान्त इस दुर्ग का नाम खैराबाद या ख्रिजाबाद कर दिया।

17. रणथम्भौर दुर्ग ===> यह सवाई माधोपुर जिले में स्थित एक गिरी दुर्ग हैं जो कि अची ===> बीची सात पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। इसका वास्तविक रवन्तहपुर था। अर्थात् रन की घाटी में स्थित नगर कालान्तर में यह रणस्तम्भुपर से रणथम्भौर हो गया। इसका निर्माण 8वीं शताब्दी के लगभग अजमेर के चैहान शासकों द्वारा करवाया गया। 1301 ई. में अलाउद्दीन ने इस पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया। उस समय यहाँ का शासक हम्मीर था जो शरणागत की रक्षा त्याग व बलिदान के लिए प्रसिद्ध रहे। इस युद्ध में रणथम्भौर का प्रथम साका हुआ था। इस दुर्ग में स्थित प्रमुख स्थल त्रिनेत्र गणेश मन्दिर, हम्मीर महल, अन्धेरी दरवाजा, वीर सैमरूद्दीन की दरगाह, सुपारी महल, बादल महल, 32 खम्भों की छतरी, पुष्पक महल, गुप्त गंगा, जौरा===> भौरा आदि स्थित है।

18. मण्डौर दुर्ग ===> यह जोधपुर जिले में स्थित है। यहाँ पर बौद्ध शैली से निर्मित दुर्ग था जो भूकम्प से नष्ट हो गया। यह प्राचीन मारवाड़ राज्य की राजधानी थी। इस दुर्ग में चूना===> गारे के स्थान पर लोहे की किलों का प्रयोग किया गया है।

19. बसन्ती दुर्ग ===> महाराणा कुम्भा ने इसका निर्माण चित्तौड़गढ़ जिले में पिण्डवाड़ा नामक स्थान पर करवाया। इसकी दिवारों के निर्माण में सूखी चिनाई का प्रयोग किया गया है। इस दुर्ग के निर्माण का उद्देश्य पश्चिमी सीमा व सिरोही के मध्य तंग रास्ते की सुरक्षा करना था। इस दुर्ग के दतात्रेय मुनि व सूर्य का मन्दिर है।

20. तिजारा का किला ===> अलवर जिले में तिजारा नगर में इस दुर्ग का निर्माण राव राजा बलवन्त सिंह ने 1835 में करवाया था। इसमें पूर्वी दिशा में एक बारहदरी तथा हवा महल का निर्माण करवाया गया था।

21. केसरोली दुर्ग ===> अलवर जिले में केसरोली भाव में यदुवंशी शासको द्वारा निर्मित।

22. किलोणगढ़ ===> बाड़मेर में स्थित दुर्ग का निर्माण राव भीमोजी द्वारा करवाया गया।

23. बनेड़ा का किला ===> भीलवाड़ा जिले में स्थित यह दुर्ग निर्माण से लेकर अब तक अपने मूल रूप में यथावत है।

24. शेरगढ़ दुर्ग ===> धौलपुर जिले में चंबल नदी के किनारे राजा मालदेव द्वारा करवाया गया तथा शेरशाह सूरी ने इसका पुनर्निर्माण करवाकर इसका नाम शेरगढ़ रखा।

25. शाहबाद दुर्ग ===> बारां जिले में मुकुन्दरा पहाडि़यों में स्थित दुर्ग का निर्माण चैहान शासक मुकुटमणिदेव द्वारा करवाया गया।

26. नीमराणा का दुर्ग ===> अलवर जिले में स्थित पंचमहल के नाम से विख्यात किले का निर्माण चैहान शासकों द्वारा करवाया गया।

27. इन्दौर का किला ===> इसका निर्माण निकुम्भों द्वारा अलवर जिले में करवाया गया। यह दुर्ग दिल्ली सल्तनत की आँख की किरकिरी थी।

28. राजगढ़ दुर्ग ===> कछवाहा शासक राजा प्रताप सिंह ने इसका निर्माण अलवर जिले में करवाया।

29. चैंमू दुर्ग ===> उपनाम धाराधारगढ़ तथा रघुनाथगढ़। इसका निर्माण ठाकुर कर्णसिंह द्वारा करवाया गया।

30. कोटकास्ता का किला ===> यह जोधपुर महाराजा मानसिंह द्वारा नाथो (भीमनाथ) को प्रदान किया गया था। यह जालौर में स्थित है।

31. भाद्राजून का दुर्ग ===> इस दुर्ग का निर्माण रावचन्द्र सेन के शासनकाल में अकबर द्वारा हराये जाने पर करवाया गया।

32. किला अफगान किला ===> बाड़ी नदी पर धौलपुर में

33. जैना दुर्ग ===> बाड़मेर

34. मंगरोप दुर्ग ===> बाड़मेर

35. इन्द्ररगढ़ दुर्ग ===> कोटा

36. हम्मीरगढ़ दुर्ग ===> हम्मीरगढ़ ,भीलवाड़ा

37. कन्नौज का किला ===> कन्नौज ,चित्तौड़गढ़

38. कोटडे का किला ===> बाड़मेर

39. अमरगढ़ दुर्ग ===> भीलवाड़ा

40. सिवाड़ का किला ===> सवाई माधोपुर

41. राजा का किला ===> नावां (नागौर)

42. मनोहरथाना का किला ===> परवन व कालीसिंध नदी के संगम पर झालावाड़ इसमें भीलों की आराध्य देवी विश्ववति का मंदिर है।

43. ककोड़ का किला ===> टोंक

44. भूमगढ़ दुर्ग (अमीरगढ़ ) ===> टोंक

45. गंगरार का किला ===> गंगरार, चित्तौडगढ़

46. कांकबाड़ी किला ===> अलवर के सरिस्का क्षेत्र

47. जूनागढ़ किले का उपनाम ===> जमीन का जेवर

48. सज्जनगढ़ का किला ===> उदयपुर का मुकुटमणि

49 भरतपुर दुर्ग ===> महाराजा सूरजमल द्वारा निर्मित,इस किले की यह विशेषता है,की इसकी जल से भरी हुई विस्तृत खाई तथा बाहरी मिट्टी की विशाल प्राचीर इसकी रक्षा व्यवस्था में सहयोग करती थी।

50. कुम्भलगढ़ दुर्ग ===> निर्माण महाराणा कुम्भा ने सूत्रधार मण्डन की देखरेख में,राजपूताने के इतिहास में एकमात्र दुर्ग जो एक अवसर पर यह दुर्ग कुछ समय के लिए शत्रु के हाथ में गया,पुन प्रताप द्वारा जीता गया।दुर्ग के परकोटों की लंबाई 36 किलोमीटर है,

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♣♣ राजस्थान की प्रसिद्ध छतरियाँ और उनके स्थल ♣♣


1. अमरसिंह की छतरी ===> नागौर

2. सिसोदिया राणाओं की छतरियाँ ===> आहड़, उदयपुर

3. राव बीका जी रायसिंह की छतरियाँ ===> देव कुंड, बीकानेर

4. हाड़ा राजाओं की छतरियाँ ===> सार बाग, कोटा

5. रैदास की छतरी ===> चित्तौड़गढ़

6. गोपालसिंह की छतरी ===> करौली

7. 84 खंभों की छतरी ===> बूँदी

8. राजा बख्तावर सिंह की छतरी ===> अलवर

9. 32 खंभों की छतरी ===> रणथम्भौर

10. केसर बाग व क्षार बाग की छतरियाँ ===> बूँदी (बूँदी राजवंश की)

11. भाटी राजाओं की छतरियाँ ===> बड़ा बाग, जैसलमेर

12. राठौड़ राजाओं की छतरियाँ ===> मंडोर जोधपुर

13. मूसी महारानी की छतरी ===> अलवर

14. महाराणा प्रताप की छतरी (8 खंभो की) ===> बाडोली (उदयपुर)

15. कच्छवाहा राजाओं की छतरियाँ ===> गेटोर (नाहरगढ़, जयपुर)

16. राव जोधसिंह की छतरी ===> बदनौर

17. जयमल (जैमल) व कल्ला राठौड़ की छतरियाँ ===> चित्तौड़गढ़

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♣♣ राजस्थान की प्रमुख दरगाह और उनके स्थल ♣♣


1. दरगाह ख्वाज़ा मुइनुद्दीन चिश्ती ===> अजमेर

2. दरगाह ख्वाज़ा फखरुद्दीन चिश्ती ===> सरवाड़, अजमेर

3. दरगाह हिसामुद्दीन चिश्ती, ===> सांभर झील, जयपुर

4. दरगाह सूफी हिसामुद्दीन चिश्ती ===> नागौर

5. दरगाह फखरुद्दीन शरीफ (दाउदी बोहरा संप्रदाय की दरगाह) ===> गलियाकोट, डूंगरपुर

6. दरगाह मौलाना ज़ियाउद्दीन साहब ===> जयपुर

7. दरगाह हजरत अमानीशाह ===> जयपुर

8. दरगाह मिस्कीन शाह ===> जयपुर

9. दरगाह शेख मोहम्मद दरवेश ===> मोती डुंगरी, जयपुर

10. दरगाह शेख अलाउद्दीन ===> सांगानेर, जयपुर

11. दरगाह हाजिब शक्करबर शाह (पीर शक्कर बाबा) ===> नरहड़ , झुंझुनूं

12. दरगाह हजरत दीवान ए शाह ===> कपासन, चित्तौड़गढ़

13. दरगाह हजरत चलफिरशाह ===> चित्तौड़गढ़

14. दरगाह तारागढ़ ===> अजमेर

15. चिल्ला बड़े पीर साहब ===> अजमेर

16. दरगाह अब्दुल वहाब (बड़े पीर साहब) ===> नागौर

17. दरगाह हजरत जमालुद्दीन साहब ===> दौसा

18. दरगाह मस्तान शाह बाबा ===> पाली

19. दरगाह दुल्ले शाह उर्फ चोटिले शाह ===> पाली

20. दरगाह अब्बनशाह ===> प्रतापपुरा, सांचौर (जालौर)

21. दरगाह दौलतशाह बाबा ===> चौमूं, जयपुर

22. दरगाह शेरों के पिनकारे वाले बाबा ===> कोटा

23. दरगाह आधर सिल्ला ===> कोटा

24. दरगाह रोले ===> नागौर

25. दरगाह बाला पीर ===> कुम्हारी, नागौर

26. दरगाह अम्बावगढ़ ===> उदयपुर

27. दरगाह इमरत रसूल ===> उदयपुर

28. दरगाह अफजल शाह उर्फ कोड़े शाह ===> जोधपुर

29. दरगाह मसीउल्लाह ===> मंडौर रोड, जोधपुर

30. दरगाह सिफ़त हुसैन ===> जोधपुर

31. दरगाह बुरहानुद्दीन ===> ग्राम तला, जयपुर

32. दरगाह रुकनुद्दीन ===> दाउदपुर, अलवर

33. दरगाह कमरुद्दीन शाह (कयामखानियों के पीर) ===> झुंझुनूं

34. दरगाह नजमुद्दीन परवाना ===> फतेहपुर शेखावटी, सीकर

35. संत हमीदुद्दीन या सुल्ताने तारकीन शाह की दरगाह ===> नागौर

36. काकाजी की दरगाह ===> प्रतापगढ़

37. संत हजरत हमीदुद्दीन चिश्ती/ मिट्ठे शाह/ महाबली सरकार/शहंशाहे मालवा की दरगाह ===> गागरोण किला (झालावाड़)

38. दरगाह सैयद बादशाह ===> शिवगंज (सिरोही)

39. दरगाह कबीर शाह ===> करौली

40. दरगाह हजरत अब्दुल गनी बाबा ===> नाथद्वारा (राजसमन्द)

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♣♣ राजस्थान की प्रसिद्ध हवेलियां और उनके स्थान ♣♣


1. पटवो की हवेली ===> जैसलमेर

2. सालिम सिंह की हवेली ===> जैसलमेर

3. नथमल की हवेली ===> जैसलमेर

4. सुनहरी कोठी/ हवेली ===> टोंक

5. बागोर की हवेली ===> उदयपुर

6. ईसरदास मोदी की हवेली ===> झुंझुनू

7. रामपुरिया की हवेली ===> बीकानेर

8. डागा की हवेली ===> बीकानेर

9. कोठारी की हवेली ===> बीकानेर

10. पंसारी की हवेली ===> श्रीमाधोपुर (सीकर)

11. राठी की हवेली ===> लक्ष्मणगढ़ (सीकर)

12. सुराणों की हवेली ===> चुरू

13. बच्छावतों की हवेली ===> बीकानेर

14. नाथूराम पोद्दार की हवेली ===> बिसाऊ, झुंझुनू

15. सोने ===> चाँदी की हवेली ===> महनसर (झुंझुनूं)

16. पोद्दार तथा भगोरियां की हवेलियां ===> नवलगढ़ (शेखावाटी की स्वर्ण नगरी)

17. टीबड़ेवाला की हवेली ===> झुंझुनूं

18. भगतों की हवेली ===> झुंझुनूं

19. बड़े मियां की हवेली ===> जोधपुर

20. पोखरण की हवेली ===> जोधपुर

21. पाल हवेली ===> जोधपुर

22. राखी हवेली ===> जोधपुर

23. झाला की हवेली ===> कोटा

24. बड़े देवता की हवेली ===> कोटा

25. खुर्रेदार चबूतरों की हवेलियां ===> नवलगढ़ (झुंझुनूं)

26. चोखाणी की हवेली ===> नवलगढ़ (झुंझुनूं)

27. जयपुरियों और पाटोदियों की हवेलियां ===> नवलगढ़

28. गोविंदराम सेक्सरिया की हवेली ===> नवलगढ़ (झुंझुनूं)

29. रींगसियों की दो चौक की हवेली ===> नवलगढ़ (झुंझुनूं)

30. मोरारका की हवेली ===> नवलगढ़ (झुंझुनूं)

31. छावसरियों और पोद्दारों की हवेलियां ===> नवलगढ़ (झुंझुनूं)

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♣♣ यूनेस्को के अनुसार राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल ♣♣


1. जंतर मंतर ===> जयपुर, राजस्थान (2010)

2. राजस्थान के पहाड़ी किले ===> राजस्थान (2013)

3. केवलादेव नेशनल पार्क भरतपुर ===> राजस्थान
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